गुलों से महकता है बाग ए गुलशन, खिजां कब आ जाए, देर नहीं लगती । थाम लो खुद बढ़ के ह गुलों से महकता है बाग ए गुलशन, खिजां कब आ जाए, देर नहीं लगती । थाम लो ...
जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूरी तरह से एक जगह न मि... जिसे चाहा हो तुमने उसके चले जाने के बाद हर जगह उसी को ढूंढना मगर कही भी उसका पूर...
शिकायतों को फेंक आया हूं एक दिन मैं कचरे के ढेर में शिकायतों को फेंक आया हूं एक दिन मैं कचरे के ढेर में
दिल ये पागल कहता है के दिन में तारे गिन, जून की धूप ना जाने कहता है सारे गिन। ना दिल ये पागल कहता है के दिन में तारे गिन, जून की धूप ना जाने कहता है सार...
लाज शर्म को छोड़। लाज शर्म को छोड़।
तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई कोई खैर-खबर। तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई क...